Tajawal

Thursday 31 March 2016

बेटे की हत्या करने वाले इंजीनियर की दुखद कहानी सुनकर कोर्ट ने माफ की उम्रकैद

चेन्नई. तमिलनाडु के एक कोर्ट ने बेटे की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे शख्स को रिहा करने का ऑर्डर दिया है। मंगलवार को लोअर कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गई पिटीशन पर सुनवाई हुई। इस दौरान दोषी इंजीनियर के वकील ने जजों को उसकी दर्द भरी कहानी सुनाई। बेंच ने इंजीनियर की उम्रकैद की सजा माफ करते हुए उसकी रिहाई का फैसला सुना दिया। जरूरी नहीं हर मर्डर में आईपीसी में सजा मिले...
 
- जजों ने कहा, ''यह जरूरी नहीं है कि हर हत्या आईपीसी की धाराओं के तहत दोषी हो। गैर इरादतन हत्या भी दंडनीय है।''
- ''बेसिकली आरोपी के पास हत्या के पीछे की मंशा होती है। लेकिन एक आदमी जिसका दिमाग नॉमर्ल ना हो और उसे अपने किए के बारे में मालूम ना हो कि इसका रिजल्ट क्या होगा। ऐसे शख्स को आईपीसी 299 के तहत दोषी नहीं माना जा सकता है।''
- स्टीफन के वकील और बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु के चेयरमैन डी सेल्वम ने कोर्ट में उसकी दर्द भरी कहानी सुनाई। स्टीफन के स्ट्रेस और डिप्रेशन में होने का हवाला देकर उम्रकैद की सजा माफ करने की गुजारिश की थी।
- स्टीफन की हालत को देखते हुए जस्टिस एम. जयचंद्रन और एस. नागामुत्तू ने दो साइकायट्रिस्ट को उसके इलाज का जिम्मा सौंपा था। इलाज के बाद साइकायट्रिस्ट ने दोबारा उसके बयान लिए। कोर्ट से कहा कि मरीज पर कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है। वह डिप्रेशन के चलते दोबारा सुसाइड की कोशिश कर सकता है।
 
ऐसी है इंजीनियर की दुखद स्टोरी
 
- वेल्लूर के एक बेहद गरीब परिवार में स्टीफन का जन्म हुआ। उसने बचपन से ही जिंदगी की बड़ी दिक्कतों का सामना किया। 
- जैसे-तैसे इंजीनियरिंग की और चेन्नई की एक कंपनी में अच्छी नौकरी करने लगा। 
- स्टीफन को यहां एक लड़की से प्यार हुआ और दोनों ने शादी कर ली, जिसके बाद उनका एक बेटा भी हुआ। 
- 22 अक्टूबर, 2008 को स्टीफन के साथ कुछ ऐसा हुआ, जिसने उसकी फैमिली को तबाह कर दिया। 
- वेल्लूर में अपने पिता से मिलकर चेन्नई लौट रहे स्टीफन की कार का एक्सीडेंट हो गया, जिसमें पत्नी की मौत हो गई।
- बेटे को भी काफी चोट आई। हादसे में स्टीफन अपाहिज हो गए और नौकरी भी चली गई। 
- इसके बाद इलाज और बेटे की जरूरतों को पूरा करते हुए कर्ज में ऐसे घिरे कि सारी जमा पूंजी खर्च हो गई।
- अकेलेपन में धीरे-धीरे स्टीफन डिप्रेशन का शिकार हो गए। उन्होंने एक दिन बेटे को जहर देकर मारने का फैसला कर लिया।
- खुद भी फांसी लगाई लेकिन बच गए। पुलिस ने हत्या के आरोप में अरेस्ट किया और जून 2010 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

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